Petrol-Diesel Price Today: सभी शहरो में आज के दिन पेट्रोल & डीजल के भाव मे आई तेजी से गिरावट…

Petrol-Diesel Price Today: सभी शहरो में आज के दिन पेट्रोल & डीजल के भाव मे आई तेजी से गिरावट…

Diesel Price Today (20 April, 2023) फ्यूल की कीमत में आखिरी बार पूरे देश में बदलाव पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.

Petrol Diesel Price: करीब एक साल के बाद इस सवाल का जानकर आप भी राहत सांस लेंगे. संभावना है कि एक महीने के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमत में औसतन दो रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सकती है. इसका प्रमुख कारण हैं ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का प्रोफिट में आना. एक रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम को कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों में डीजल को प्रोफिट मिलने लगा है. पेट्रोल पर प्रोफिट पहले ही मिलने लगा है. ऐसे में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जा सकते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन रिपोर्ट है कि जिसके आधार पर पेट्रोल और डीजल के सस्ता होने की खबर जानकार कर रहे हैं.

15 महीनों बाद डीजल पर प्रोफिट का अनुमान:
ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च की अवधि में पांच तिमाहियों यानी 15 महीने के बाद पहली बार डीजल पर रिटेल मार्जिन पॉजिटिव देखने को मिला है.

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इसका अहम कारण क्रूड ऑयल की कीमतें कम होना और पेट्रोल और डीजल के दाम फ्रीज रहना है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ​बीते वित्त चर्ष 2022—23 की चौथी तिमाही में डीजल की रिटेल सेल पर 50 पैसे प्रति लीटर का प्रोफिट होने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में उन्हें 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हुआ था.

पहली और दूसरी तिमाही में नुकसान क्रमश: 10 रुपये और 12.5 रुपये प्रति लीटर रहा. 2022 की जनवरी-मार्च अवधि में प्रति लीटर डीजल पर 2.6 रुपये का घाटा हुआ था. यह नुकसान इसलिए हो रहा था क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम आसमान छू रहे थे और घर पर फ्यूल के दाम में कोई बदलाव नहीं हो रहा था. मांग में वृद्धि, टेंप्रेरी रिफाइनरी कैपेसिटी की कमी और रूस—यूक्रेन वॉर की वजह से सप्लाई चेन में बाधाएं आने की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा देखने को मिल गया था.

पेट्रोल पर भी कितना हो रहा फायदा: दूसरी ओर पिछले साल पेट्रोल के दाम भी आसमान छू गए थे, लेकिन डीजल के मुकाबले कहीं तेज गति से गिरे. जनवरी-मार्च तिमाही में पेट्रोल पर खुदरा मार्जिन 6.8 रुपये प्रति लीटर रहने का अनुमान है, जो तीसरी तिमाही के 10 रुपये से कम है. जनवरी 2022 से शुरू होने वाली तीनों तिमाहियों में तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल की सेल पर घाटा हुआ. ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पॉजिटिव मार्केटिंग मार्जिन और चौथी तिमाही में 10-11 डॉलर प्रति बैरल के अनुमानित ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम की ऑपरेशनल इनकम को ज्वाइंटली 77 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. नेट प्रोफिट 3.3 गुना बढऩे का अनुमान है.

एक महीने में पेट्रोल सस्ता होने का अनुमान: ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रोफिट होने के बाद अब उम्मीदें जगनी शुरू हो गई है, कि पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती देखने को मिलेगी. जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में दो रुपये प्रति लीटर कम हो सकती है. आइईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती के कई कारण दिखाई दे रहे हैं. पहला अहम कारण कि आॅयल मार्केटिंग कंपनियों को दोनों तरह​ के फ्यूल पर प्रोफिट मिलना शुरू हो गया है. दूसरा कारण है कि आने वाले महीने में कर्नाटक में चुनाव है तो पेट्रोल के दाम को सस्ता होना शुरू हो सकता है. ऐसा हमने पूर्व में पहले भी देखा है.

वैसे ओपेक प्लस बिगाड़ सकता है ओएमसी का खेल: केडिया एडवाइजरी के अनुज गुप्ता के अनुसार ओएमसी की प्लानिंग को ओपेक प्लस धाराशाई भी कर सकता है. हाल ही में ओपेक प्लस ने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन को कट करने का ऐलान किया है. जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम में कुछ ही दिनों में 5 फीसदी का इजाफा हो चुका है. मौजूदा समय में क्रूड ऑयल के दाम 85 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है. जोकि आने वाले दिनों में 100 डॉलर प्रति बैरल पर भी जा सकता है. भारत में वायदा बाजार म्रें क्रूड ऑयल के दाम में काफी अच्छी तेजी देखने को मिली है.

देश में एक साल से फ्रीज हैं दाम: देश के महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम करीब एक साल से फ्रीज हैं. फ्यूल की कीमत में आखिरी बार पूरे देश में बदलाव पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. उसके बाद कुछ स्टेट ने अपने यहां पर वैट को कम किया है या फिर बढ़ाया है. जिसकी वजह से थोड़े कम या फिर बढ़े हैं. वर्ना ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से दाम में कोई बदलाव नहीं किया है.

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