सरकार ने Post Office में निकाली जबरदस्त स्कीम,5 लाख निवेश पर मिल रहा 2 लाख रुपए का ब्याज

सरकार ने Post Office में निकाली जबरदस्त स्कीम,5 लाख निवेश पर मिल रहा 2 लाख रुपए का ब्याज

Post Office scheme – अगर आप भी अपने निवेश पर तगड़ा ब्याज पाना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में पांच लाख रुपये निवेश करने पर 2.25 लाख रुपए का ब्याज मिल रहा है…

पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स की कई योजनाएं चलाता है. अगर कोई निवेशक फिक्स्ड इनकम स्कीम्स में निवेश करना चाहता है तो इंडिया पोस्ट टाइम डिपॉजिट स्कीम एक शानदार विकल्प है. यह बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही होता है. हालांकि, इसमें केवल चार अलग-अलग टेन्योर के लिए पैसे जमा किए जा सकते हैं. POTD यानी पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल के लिए खुलवाया जा सकता है. ब्याज का कैलकुलेशन तिमाही आधार पर होता है, लेकिन भुगतान सालाना आधार पर होता है.

7.5 फीसदी तक मिलता है ब्याज-
इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 1 अप्रैल से इंटेरस्ट रेट में बदलाव हुआ है. अभी 1 साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.8 फीसदी, 2 साल की अवधि पर 6.9 फीसदी, 3 साल की अवधि पर 7 फीसदी और 5 साल की अवधि पर 7.5 फीसदी का ब्याज मिलता है. कम से कम 1000 रुपए निवेश किया जा सकता है. मैक्सिमम निवेश की लिमिट नहीं है.

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5 लाख पर 2.25 लाख का ब्याज-
5 साल के टाइम डिपॉजिट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का भी लाभ मिलता है. Post Office Calculator के मुताबिक, अगर कोई निवेशक टाइम डिपॉजिट स्कीम में 5 साल के लिए 5 लाख रुपए जमा करता है तो उसे ब्याज के रूप में कुल 2 लाख 24 हजार 974 रुपए मिलेंगे. सालाना औसत रिटर्न जिसे CAGR कहते हैं वह 7.71 फीसदी होता है. पांच साल पूरा होने के बाद आपको 5 लाख रुपए का प्रिंसिपल अमाउंट भी वापस मिल जाएगा.

Post Office Time Deposit में निवेश क्यों करें?
1 – पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट बैंक एफडी की तरह ही होता है. इसमें इंटरेस्ट रेट का रिवीजन तिमाही आधार पर होता है. यह 1, 2, 3 और 5 सालों के लिए खुलवाया जा सकता है.

2 – यह 6.8 फीसदी का मिनिमम और 7.5 फीसदी का मैक्सिमम ब्याज ऑफर करता है. बैंकों के औसत रिटर्न के मुकाबले यह ज्यादा है.

3 – इंटरेस्ट पेट का रिवीजन तिमाही आधार पर होता है. बैंक एफडी का रेट रिजर्व बैंक के रेपो रेट पर बहुत हद तक निर्भर करता है. हर दो महीने में रिजर्व बैंक रेपो रेट पर फैसला लेता है.

4 – पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट को प्री-मैच्योर क्लोज भी किया जा सकता है.

5 – पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट को निश्चित अवधि के भीतर एक्सटेंड भी किया जा सकता है. इसके अलावा जरूरत के समय इसे प्लेज कर इमरजेंसी फंड की भी व्यवस्था की जा सकती है.

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